वाराणसी। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के भव्य स्वरुप लेने के बाद भगवान् के गर्भगृह को स्वर्णमंडित करने का कार्य पूरा हो गया है। गर्भगृह के अंदर और ...
वाराणसी। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के भव्य स्वरुप लेने के बाद भगवान् के गर्भगृह को स्वर्णमंडित करने का कार्य पूरा हो गया है। गर्भगृह के अंदर और बाहर की दीवारों को 60 किलो सोने के पत्तर से मढ़ दिया गया है। इसके बाद बाबा के गर्भगृह की छटा देखते ही बनती है।
इस सोनों को किसने दान दिया यह बा गुप्त रखी गयी है। फिलहाल मंदिर प्रशासन ने उस व्यक्ति का नाम सार्वजनिक करने से मना कर दिया है। वाराणसी। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के भव्य स्वरुप लेने के बाद भगवान् के गर्भगृह को स्वर्णमंडित करने का कार्य पूरा हो गया है। गर्भगृह के अंदर और बाहर की दीवारों को 60 किलो सोने के पत्तर से मढ़ दिया गया है। इसके बाद बाबा के गर्भगृह की छटा देखते ही बनती है। इस सोनों को किसने दान दिया यह बा गुप्त रखी गयी है। फिलहाल मंदिर प्रशासन ने उस व्यक्ति का नाम सार्वजनिक करने से मना कर दिया है। इसके बाद द्वितीय चरण का कार्य हुआ, जिसमें मंदिर के बाहरी दीवारों और चौखट पर स्वर्ण मंडन का कार्य शुरू हुआ, जो गुरुवार को पूर्ण कर लिया गया। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि गर्भगृह के अंदर लगी दीवार के स्वर्ण को क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए एक्रेलिक शीट (पारदर्शी प्लास्टिक) की सीट लगाई गई है, ताकि सोने को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सके।
काशी विश्वनाथ के दर्शन करने आ रहे भक्त भी इस बात से प्रसन्न दिखाई दे रहे हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर में शास्त्री अंजनी मिश्रा ने बताया कि भगवान् विश्वनाथ का शिखर स्वर्णमंडित हुआ है। इससे काफी अच्छा महसूस हो रहा है। पंजाब के राजा रणजीत सिंह ने अपनी पत्नी के कहने पर एक टन सोना दान किया था जिसे दो शिखर स्वर्णमंडित हो गए हैं और आने वाले दिनों में तीसरा शिखर भी स्वर्णमंडित भी होगा। काशी विश्वनाथ गुरु के रूप में दिन भर शहर में भ्रमण करते हैं और रात में राजा की तरह आकर अपने आसान पर विराजमान हो जाते हैं।
काशी विश्वनाथ ज्योतिष-ब्रह्मण समिति के महामंत्री अमित पांडेय ने बताया कि इस समय 60 किलो सोना लगाया गया है जिसे मंदिर की भव्यता बढ़ गयी है। इससे स्वर्णमंडित हो गया है बाबा का गर्भगृह जोई की बहुत ही ख़ुशी की बात है।