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यूपी में सरकार द्वारा श्रम कानून को 3 साल के लिए स्थगित किया जाना श्रमिक विरोधी-- अशोक विश्वकर्मा

 वाराणसी 8 मई। ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने प्रदेश में श्रम कानूनों को सरकार ...



 वाराणसी 8 मई। ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने प्रदेश में श्रम कानूनों को सरकार द्वारा 3 साल के लिए स्थगित किए जाने के निर्णय की निंदा करते हुए इसे श्रमिक विरोधी फैसला बताया उन्होंने कहा सरकार जानबूझकर मजदूरों के हितों को नजरअंदाज कर  उद्योगपतियों के इशारों पर मजदूरों का हित रक्षण करने वाले कानून को बदलने पर आमादा है। सरकार ने श्रम विधियों से अस्थाई छूट अध्यादेश 2020 के प्रारूप को अनुमोदित करते हुए यह कहना कि श्रम कानूनों में संशोधन के बिना औद्योगिक प्रगति और रोजगार सृजन संभव नहीं है पूर्णतया आधारहीन है।उन्होंने कहा सरकार के इस फैसले से श्रम विभाग का प्रवर्तन दल श्रम कानूनों के अनुपालन के लिए किसी भी उद्योग के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करेगा जिससे सीधे तौर पर श्रमिकों का हित प्रभावित होगा। उन्होंने कहा सरकार जानबूझकर मजदूरों के हितों को नजरअंदाज  कर रही है तथा उद्योगपतियों के इशारों पर मजदूरों के हित संरक्षण वाले कानून  को बदलने पर आमादा है। सरकार की नीतियां व मानसिकता कारपोरेट एवं औद्योगिक घरानों का हित पोषण करने वाली श्रमिक विरोधी और अमानवीयता का द्योतक है। जिसका ज्वलंत तस्वीर महामारी के दौरान भूख और बदहाली से मर रहे श्रमिकों के रूप में दिखाई पड़ रहा है । महामारी के इस नाजुक वक्त में श्रमिकों को राहत देने की बजाय सरकार ने उन पर गहरा वज्रपात किया है। उन्होंने सरकार से मांग किया है कि सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करते हुए महामारी भुखमरी और बदहाली का दंश झेल रहे करोड़ों श्रमिकों के हित में इस फैसले को वापस ले तथा इनके सुरक्षित व स्थाई आजीविका हेतु ठोस नीतियों का निर्धारण करें।