*पूर्वान्चल के विभिन्न जिलों में 46 बसों से श्रमिक हुए रवाना, थर्मल स्कैनिंग कर दिया गया नाश्ता, पानी की बोतल* वाराणसी। गुजरात क...
*पूर्वान्चल के विभिन्न जिलों में 46 बसों से श्रमिक हुए रवाना, थर्मल स्कैनिंग कर दिया गया नाश्ता, पानी की बोतल*
वाराणसी। गुजरात के सूरत व आसपास के इलाकों में फंसे 1216 मजदूरों को लेकर श्रमिक ट्रेन आज सुबह साढ़े 5 बजे कैंट स्टेशन पहुँची। यहां एडीएम ( सिटी) विनय सिंह, एसपी (सिटी) दिनेश सिंह, एसडीएम सदर महेंद्र श्रीवास्तव समेत प्रशासन व रेलवे के कई अधिकारी पहले से मौजूद थे। 20 बोगियों वाली ट्रेन के पहुँचने से पूर्व प्लेटफार्म के समीप कुल 20 टेबल लगाये गए थे। जहां राजस्व व पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के लोग बैठे थे। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए सभी मजदूरों को बोगियों से उतारकर थर्मल स्कैनिंग का काम शुरू हुआ। टेबलवार कागजी कार्रवाई पूर्ण करने के बाद जिलेवार मजदूरों को बाहर खड़ी अलग-अलग कुल 46 बसों में मजदूरों को बैठाया गया। इस दौरान सभी मजदूरों को पानी की बोतल, चिप्स जरूरी सामान आदि भी दिए गए। मौके पर मौजूद एसडीएम (सदर) महेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सभी 1216 श्रमिकों को सकुशल उनके गृह नगर रवाना कर दिया गया है। गुजरात से यहां आये मजदूरों में अधिकतर गाजीपुर,बलिया, मऊ, गोरखपुर, मिर्जापुर, चंदौली, जौनपुर व आसपास के जिलों के रहे। काशी से अपने अपने गृहनगर वापस लौट रहे कई मजदूरो ने प्रशासन की सराहना की। कइयों का कहना था कि लॉक डाउन खुलने के बाद वे अपने प्रदेश के जिलों अथवा गांव में ही रोजगार सृजन करेंगे। इस महामारी ने उन्हें संघर्ष करने की नई चेतना भी दे दी है।